Thursday, 20 January 2022

हो सकता है एक कमजोर विद्यार्थी भी जादू कर जाए!

 


जुनून का कोई तोड़ नही है ।आपके अंदर की ज्वाला

का  कोई काट नही । आपके मन के कोने में पल रहे उन सपनों को कोई रोक नही सकता , बस इस जीवन में कुछ कर गुजरने की तमन्ना हो ।। और अगर आपको किसी एक चीज़ को लेकर interest नही है तो इसका बिल्कुल मतलब नही है कि आप मे काबिलियत की कमी है, आप ज़िन्दगी में कुछ अच्छा नही कर सकते ।।बिल्कुल नही है ऐसा ।।


और इसीलिए मैं कहता हूं कि अगर आपका बच्चा पढ़ने में कमजोर है या उसका पढ़ाई में मन नहीं लगता तो इसका यह मतलब नहीं कि उसके अंदर कोई प्रतिभा नहीं है । हो सकता है कि उसकी रुचि किसी और चीज़ में हो । उसकी रुचि को पहचानिए । जब उसे वो काम मिल जाएगा न जिसमे उसे इंटरेस्ट है, तो उसे सफलता नही मिलेगी, उसके बाद जो होगी न लोग उसे miracle कहेंगे ।।


इसका सबसे बड़ा उदाहरण ओयो रूम्स के मालिक रितेश अग्रवाल हैं ।। रितेश अग्रवाल पढ़ने में बेहद कमजोर थे उनका पढ़ाई लिखाई नहीं बिल्कुल मन नहीं लगता था उन्होंने कॉलेज फर्स्ट ईयर से कॉलेज ड्रॉपआउट हो गए उसके बाद इन्होंने सिम कार्ड बेचने का बिजनेस किया ।


 रितेश अग्रवाल उड़ीसा के एक छोटे से कस्बे के बेहद मध्यम वर्गीय परिवार से थे उन्हें घूमने फिरने का बहुत शौक था इसलिए उन्हें होटल लेने में आने वाली दिक्कतों से कई बार तकलीफ हुई तब उनके मन में ओयो रूम्स खोलने का विचार आया और मात्र उन्होंने 19 साल की उम्र में ओयो रूम्स खोला और 21 साल की उम्र में उन्होंने अपनी कंपनी ओयो रूम्स की मार्केट वैल्यू 36 हजार करोड़ कर दी ..आज उनकी टीम में आईआईटी और आईआईएम से पास आउट 50 से ज्यादा लोग काम करते हैं जबकि खुद रितेश अगरवाल कभी कॉलेज पास नहीं कर सके 


इसलिए अपने बच्चों को पढ़ाई लिखाई के लिए ज्यादा जोर मत दीजिए उन्हें अपने मन मुताबिक काम करने दीजिए.हाँ ये उन्हें बिल्कुल समझाइए की basic knowledge तो जरूरी है । और इसीलिए उन्हें प्रोतसाहित कीजिए एक स्टैण्डर्ड education प्राप्त करने के लिए । लेकिन प्रेशर न बनाइए । हो सकता है एक कमजोर विद्यार्थी भी जादू कर जाए! संभव है, बिल्कुल संभव है! 



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