Saturday, 12 October 2019

पहली चीज़े स्पेशल होती है । Ravi Ranjan Yadav

हरेक पहली चीज़ कितनी स्पेशल होती है न ।वो पहली बार स्कूल ड्रेस पहनकर स्कूल जाने से पहले सबको दिखाना,पहली बार बुक्स खरीदने पर दिन भर पेज को पलटना, उस रब्बर वाले पेंसिल का पहली बार हमारे बस्ते में शामिल होना और वो पहली बार टीचर का कहना कि तुम अब pen से लिख सकते हो ।कितना स्पेशल है । लगता है अभी अभी हुआ है। कुछ दिन पहले की बात हो जैसे। और फिर आती है आपकी पहली साइकल ।जो खुशी हुई थी उड़ वक़्त । आज शायद कोई BMW भी दे दे तो उतनी न हो ।वही साइकिल होती थी अपनी सबकुछ BMW, AUDI, LAMBHORGINI सब ।क्लास 10th का farewell तो याद होगा ही।लगता था जैसे दुनिया लूट गई हो ।अब कहा जाएंगे ।
हरेक पहली चीज़ बहुत स्पेशल है ।बहुत ।लेकिन जैसे जैसे हम आगे बढ़ते जाते हैं,उन सारी चीजों की महत्ता कम होते जाती है । हम उन सभी चीज़ों के लिए परेशान रहते हैं जो हमारे पास नही है। जो है उसे सेलिब्रेट करना भूलकर ।आज एक बाप बेटे का video देखा ,लगा जैसे ये दोनों बता रहे हों कि जो आपके पास है वो काम नही है,सेलिब्रेट कीजिए उन सभी चीज़ों को ।खुश रहिए।कितना भी हो जाए आपके पास किसी न किसी से तो कम रहिएगा ही न ।जो है उसकी खुशी को सहेजिए, जो नही है उसके लिए मेहनत कीजिए ।


लेकिन हम सब काफी गतिशील हो चुके हैं । जिम्मेदारी लोग आज के दौर पर डाल कर निकल जाते है ।कुछ लोग इसे pprogress कहते है, मैं सिर्फ गतिशीलता कहता हूँ ।
Progress या उन्नति अपने पुराने चीजों को,पुरानी विरासतों को,पुराने रिश्तों को,पुराने लोगों को छोड़कर नए रिश्ते ,नए लोग,नई संस्कृति तलाशने के नाम थोड़ी न है । progress जो है हमारे पास उसे छोड़कर,उसके महता को दरकिनार कर जो नही है उसके लिए परेशान होना थोड़ी न है।
मुझे लगता है सच्चा development, सच्चा progress, सच्ची उन्नति अपने पुराने चीजों से जुड़कर,पुराने लोगो के साथ रहकर,उन सभी चीज़ों को celebrate करते हुए नई और आगे आने वाले चीजों के लिए मेहनत करना और मिलने पर उनका स्वागत करना है ।पुराने चीजों को भूलकर,नए के लिए रोना नही ।
©Ravi Ranjan Yadav

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