पता है दोस्तों से भी नही मिलता अब वो ज्यादा । कोई दोस्त मिलने के बाद,अब दोस्ती की बात नही करता। कोई दोस्त पुराने दिनों की बातें याद करके हंसता नही है । एक आध दोस्त के अलावा कोई दोस्त नही बचा जो उसे ये बोले कि "यार तुम शुरू से शानदार स्टूडेंट रहे हो ,तुममे अभी भज है बहुत कुछ ।तुम बहुत आगे जाओगे ।देख मैं तो तुमसे बहुत कमजोर था न । मैं अगर इतना आगे आ गया तो तुम और भी आगे जाओगे । कोई नही कहता ऐसा ।किसी को बात नही करनी दोस्ती, यारी के बारे में। जब उसके दोस्त अब मिलते है तो अपनी कामयाबी के किस्से सुनाते हैं उसे।सिर्फ वही जानता है कि अगर आप खुद कामयाब नही हो न तो दूसरों की कहानियां कई बार मोटीवेट नही करती,एक टीस पैदा करती है । एक बेचैनी देती है मन को ।एक तड़प ,एक दर्द देती है दिल को ।लेकिन उसे समझने वाला कोई नही है ।वो तो failure है न ।औऱ failures के साथ कौन आएगा। लोग तक successful लोगों के अराउंड रहते है ।लाख quality हो आपके अंदर, अगर सक्सेसफुल नही तो कोई इज्जत नही मिलती इस so called सभ्य समाज मे ।
अब तो उसे खुद भी याद नही की कितने रिश्तेदारों की शादियां मिस करी है उसने। पहले जब वो कहीं जाता था तो लोग उसके result को सुनकर अचंभित होते थे । मन में एक उम्मीद थी की ये बड़ा होकर कुछ करेगा । अब वो जाता है एक साइड में कुर्सी पर बैठ जाता है। भीड़ से दूर । क्यों जाए वो आखिर भीड़ में।कोई वैल्यू नही करता उसकी बातोँ को ।दो कौड़ी के जितने भी लोग है,जिसने चार पैसे कमा लिए है,समझाते रहते है उसे ।सुनाते रहते है दुसरो के कामयाबी के किस्से ।
वो भी सिर नीचे करके सुन लेता है सबकुछ । सुनना ही पड़ता है,जब आपके सपने दूर हो ।जब आप वहां नही पहुच पा रहे हो,जहां आल चाहते है । कई बार बड़े targets दिक्कत देते हज आपको। जिनके ज़िन्दागी में बहुत कुछ नही करना होता है।
कई बार जब आप बहुत बड़ा target तय कर लेते हैं तो कुर्बानी भी बडी देनी होती है । धैर्य भी बड़ा चाहिए होता है,असीम संयम की जरूरत होती है ।और ऐसे समय में आपको कोई नही समझता ,तो आदमी निराश होने लगता है ।कई लोगो को छोटे छोटे लक्ष्य मिलने लगते है,आपका बड़ा है समय लगेगा,सो लग रहा है ।
अब तो एक कमरे को ही दुनियां बना ली है उसने ।अंधेरे से ही प्यार हो गया है उसे । नहीं चाहिए उसे ये दिखावटी उजाला ।ऐसे उजाले डंसते है उसे । मेहनत, दर्द,आंसू,किताबें,सपने और 10 ×10 का कमरा ही है सबकुछ उसके लिए । कभी वो खुद ही रोता है,कभी खुद ही चुप हो जाता है । खुद ही दिलासा देता है खुद को..की आएगा एक दिन जब वो भी छाती पर मैडल लेकर घूमेगा ।फ़िर अचानक खो जाता है वो चिंता में कि क्या सच मे सपने सच होंगे।अगले ही पल सब छोड़कर फिर से अपना सर गाड़ लेता है किताबों के बीच ।जानता है दुनिया मे एक ही चीज़ है जो उसके सच्चे हमराही है ।अब तो सेलेब्रेशन से नफरत हो गई है उसे । एक चिढ़ सी होती है । वो खुद भी नही जानता वजह । पहले नही था वो ऐसा । अब हो गया है ।
घर भी नही जाता वो । क्यों जाए आखिर ? कोई महत्व नही देता उसे ।किसी के लिए वो खास नही । पहले कई लोगों का रोल मॉडल था अब कोई पूछता भी नही ।पहले उम्मीद थी लोगो को अब उम्मीद छोड़ चुके है सब ।अब कोई नही पूछता उससे की कब घर आएगा । अब रिजल्ट के बाद कोई नही पूछता की कैसा हुआ रिजल्ट ?
लेकिन वो भी बेशर्म हो गया है अब । फर्क ही नही पड़ता उसे । इज्जत दे न दे कोई,शर्ट झाड़ कर उठ खड़ा होता है ।कोई मजाक उड़ाए तो खुद भी अपनी ही मजाक उड़ा लेता है । कोई संदेह करे उस पर तो उसका साथ देता है । लोग भी हैरान है वो ऐसा क्यों हो गया है?
उसे पता है दुनियां बदलने के लिए लोगों के नज़र में पागल ,और losser बनना पड़ता है ।लोगों के पैमाने अलग है सफलता को लेकर । उसके अलग ।आज भी खुद को वो worrier मानता है ।पता है उसे जीतेगा वो ।और ताने मारने वाले लोग उसके सफलता के गीत गाने वाले बन जाएंगे ।उससे किनारा करने वाले लोग उसके नाम पर इतराएँगे । ये अंधेरा ही उसे उजाले में खड़ा कर देगी , भरोसा है उसे खुद पर ।दुसरो का हो न हो,क्या फ़र्क पड़ता है ??
Thankyou sir for this nice motivational blog...
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