बस कुछ दिनों की बात है।।
फिर से बजेंगी स्कूल की घंटियां, फिर से उस दोस्त का टिफिन छीना जाएगा ।
फिर से मुर्गा बनेगा वह मोटा दोस्त
और मुंह में रखकर हाथ उस छोटे का ,
फिर से अटेंडेंस नहीं बोलने दिया जाएगा ।
सुनी हो गई है स्कूल की पगडंडी , नहीं वहां कोई खुराफात है ।
थोड़े दिन संभालो ना खुद को ,
बस कुछ दिनों की बात है ।।
फिर से बहेगा पुरवइया ।
फिर से खुशियों की बरसात होगी । फिर से बैठेंगे किसान खेत के मेढो पर ,
देश-विदेश की बात होगी ।
फिर से तंज कस जाएगा तेरा पशु खा गया खेत मेरा,
फिर से पूछेगा मायूस देखकर "क्या हाल है तेरा"
" क्या खेती नहीं हुई?"
" क्या लोन ज्यादा हो गया ?"
" बेटी की शादी की चिंता है या बेटा आवारा हो गया ?"
अरे अकाल में धरती का सीना चीरकर जो अनाज उगा ले,
उसके सामने इस मुश्किल की क्या औकात है
थोड़े दिन संभालो ना खुद को ,
बस कुछ दिनों की बात है ।।
फिर बजेगा संदेशे आते हैं गाना, फिर बॉर्डर पर फौजियों की शरारती बात होगी ।
फिर बच्चे दौड़ेंगे आम इमली की खातिर
फिर से वो पगडंडियां गुलजार होंगी ।
फिर बैठेंगे जोड़ें ,हाथ हाथों में होगा ।
फिर से वह "मम्मी पेट में दर्द है स्कूल नहीं जाना" के बहाने फिर सुनाई देंगे ।
सुने पड़ गए हैं जो मैदान फिर से भरी दिखाई देंगे ।।
नई शुरुआत करेंगे अब सब में यह जज्बात है थोड़े दिन संभालो ना खुद को बस कुछ दिनों की बात है ।।
शांत पड़ गया है जो ऑफिस हमारा फिर से रौनकें आएंगी ।
शर्मा जी भाभी बुला रही है कह कर कुछ दोस्त धीमे निकल जाएंगे ।
तिरछी नजर से देख एक दूजे को फिर से मन मन मुस्कुराएंगे ।
चाय की टपरी पर माहौल फिर गुलजार होगा
बहुत हो गया करोना करोना टीवी में ,
फिर से एक्शन ड्रामा और प्यार होगा ।
लेकिन ...
बाहर मत निकलना अभी
सोचना यह जिंदगी की काली रात है ।
कुछ दिन संभालो ना खुद को,
बस कुछ दिनों की बात है ।।
कुछ दिन संभालो ना खुद ,
को मेरे भारत की बात है ।।
See the video here
https://youtu.be/5E6Itl9loF0
फिर से बजेंगी स्कूल की घंटियां, फिर से उस दोस्त का टिफिन छीना जाएगा ।
फिर से मुर्गा बनेगा वह मोटा दोस्त
और मुंह में रखकर हाथ उस छोटे का ,
फिर से अटेंडेंस नहीं बोलने दिया जाएगा ।
सुनी हो गई है स्कूल की पगडंडी , नहीं वहां कोई खुराफात है ।
थोड़े दिन संभालो ना खुद को ,
बस कुछ दिनों की बात है ।।
फिर से बहेगा पुरवइया ।
फिर से खुशियों की बरसात होगी । फिर से बैठेंगे किसान खेत के मेढो पर ,
देश-विदेश की बात होगी ।
फिर से तंज कस जाएगा तेरा पशु खा गया खेत मेरा,
फिर से पूछेगा मायूस देखकर "क्या हाल है तेरा"
" क्या खेती नहीं हुई?"
" क्या लोन ज्यादा हो गया ?"
" बेटी की शादी की चिंता है या बेटा आवारा हो गया ?"
अरे अकाल में धरती का सीना चीरकर जो अनाज उगा ले,
उसके सामने इस मुश्किल की क्या औकात है
थोड़े दिन संभालो ना खुद को ,
बस कुछ दिनों की बात है ।।
फिर बजेगा संदेशे आते हैं गाना, फिर बॉर्डर पर फौजियों की शरारती बात होगी ।
फिर बच्चे दौड़ेंगे आम इमली की खातिर
फिर से वो पगडंडियां गुलजार होंगी ।
फिर बैठेंगे जोड़ें ,हाथ हाथों में होगा ।
फिर से वह "मम्मी पेट में दर्द है स्कूल नहीं जाना" के बहाने फिर सुनाई देंगे ।
सुने पड़ गए हैं जो मैदान फिर से भरी दिखाई देंगे ।।
नई शुरुआत करेंगे अब सब में यह जज्बात है थोड़े दिन संभालो ना खुद को बस कुछ दिनों की बात है ।।
शांत पड़ गया है जो ऑफिस हमारा फिर से रौनकें आएंगी ।
शर्मा जी भाभी बुला रही है कह कर कुछ दोस्त धीमे निकल जाएंगे ।
तिरछी नजर से देख एक दूजे को फिर से मन मन मुस्कुराएंगे ।
चाय की टपरी पर माहौल फिर गुलजार होगा
बहुत हो गया करोना करोना टीवी में ,
फिर से एक्शन ड्रामा और प्यार होगा ।
लेकिन ...
बाहर मत निकलना अभी
सोचना यह जिंदगी की काली रात है ।
कुछ दिन संभालो ना खुद को,
बस कुछ दिनों की बात है ।।
कुछ दिन संभालो ना खुद ,
को मेरे भारत की बात है ।।
See the video here
https://youtu.be/5E6Itl9loF0
आप आश जगा दिए... जिंदगी फ़िर से लौट के आएगी।
ReplyDeleteविल्कुल साहब..बहुत धन्यवाद
DeleteBahut aacha laga ravi bhaiya aapka post publish karwiye kisi tarah
ReplyDeleteकरेंगे बाबू जल्द ही ।
DeleteBest Poem
ReplyDeleteThanks champ
DeleteIt's really very nice lines and this is a good way to Suggest any one about current situation ✌︎
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteThe rhythm of your lines are great they make me feel, it's amazing sir
ReplyDelete