Sunday, 20 April 2025

मिडिल क्लास के लड़कों की जिंदगी ही है motivation!! Er Ravi R Yadav

 हम मिडल क्लास के बच्चों को किसी motivational Speaker की जरूरत नहीं पड़ती है , motivate होने के लिए । हमारी जिंदगी ही biggest motivation है। जब कभी टूटने लग जाओ, जब कदम


रुकने लग जाए, जब लगे कि अब सबकुछ खत्म हो गया है, जब परेशान होकर सबकुछ छोड़ने का मन करने लग जाए तो बस एक बार अपनी अभी की जिंदगी देख लेनी है । देख लेनी है जिंदगी के उन रास्तों को , उन पगडंडियों को जिसके सहारे धीरे धीरे , संभल संभल कर यहां तक पहुंचे हैं । ऐसे समय में याद करना होता है आपके बाबा को, दादी को , अपने मम्मी पापा को..क्या उम्मीदें थी उनकी ? पूरी हो गई ? नहीं हुई ? और फिर भी कदम रुकने लगे? फिर भी मन काम में नहीं और कही और लगने लगा? फिर भी कोई आ रहा है और आपको आपके लक्ष्य से deviate कर दे रहा ? 

और अगर ऐसा हो जा रहा है तो ये तो बेइमानी है न ..उन सबसे जिन लोगों ने न जाने क्या क्या सपने सजाए थे आपके लिए ?



जब मन हारने लग जाए, जब हौसला टूटने लग जाए, जब लगे कि आपका कोई अब अस्तित्व है भी कि नहीं...

तब याद करना होता है लोगो के तानों को, तब याद करना होता है कैसे कुछ लोगों ने आपके आपके परिवार को judge किया था, तब याद करना होता है कि कैसे आपको low feel करवाया गया था, तब याद करना होता है कि कैसे आपको लायक नहीं बताया गया था..याद करना होता है खुद को ।

Self respect जगाना होता है । और ये सब खुद हो जाते है एक मिडिल क्लास के लड़के के जिंदगी में। उसकी जिंदगी इन सब चीजों से भरी ही होती है ।।


ऐसे समय में जब सब तीतर बितर नजर आने लगे । ये न समझ आए कि कहा से समेटू सबको..कहां से शुरुआत करूं ..कैसे ठीक करूं जिंदगी अपनी..कुछ लोगों ने जो सवाल उठाए है काबिलियत पर कैसे जवाब दूं उन्हें । तो बस आराम से बैठ जाना है । सोचना है कुछ एक ऐसा चीज, ऐसा काम जिसपर आप बहुत मेहनत कर सकते हो । जिसे आप एक अलग ऊंचाई दे सकते हो । और फिर लग जाना है उस पर । जी जान से ।सब कुछ भूल भालकर !दिमाग में बस एक thought कि इस काम को एक अलग ऊंचाई देना है । इतना कि किसी ने सोची न हो । बस ये हो गया । आपको किसी को कोई जवाब देने की जरूरत नहीं है । सबको जवाब मिल जाएगा । और हां ईमानदारी से काम करने वाले को, किसी का कुछ बुरा करने वालों को मंजिल मिलती ही है । सबको । आपको भी मिलेगी । आज मिडिल क्लास है हमेशा थोड़ी रहेंगे, भाग्य सबका बदलता है हमारा नहीं बदलेगा क्या? मेहनत में कोई कमी नहीं छोड़ी जाएगी ।ये तो है न हमारे हाथ में ।क्या होगा , कब होगा ..ये हमारे हाथ में तो नहीं है वैसे । लेकिन ऊपर भी तो बैठा ही है न कोई । देख लेगा वो सब ।।

Monday, 30 December 2024

समाज के नजर में बिगड़े लड़कों ,सुनो । Er Ravi R Yadav


 समाज के न नजर में बिगड़े हुए लड़कों ।। आज  बात तुमसे । हां तुम बोल रहा हूं । किसी को नहीं बोलता तुम.. छोटे से छोटे बच्चों को भी आप बोलता हूं .. बस अपने भाइयों को छोड़कर । तो अगर मैं तुम्हे तुम बोल रहा हूं..तो छोटा भाई समझ कर ही आज सारी बातें कर रहा हूं । Offend मत हो जाना ।।


वापस आते हैं । तुम उस कैटिगरी में आते हो..जिसे लोग बिगड़ा है कहते हैं । तुम किसी की परवाह नहीं करते । जैसे मन करता हज वैसे हेयर कट रखते हो । जैसे मन वैसे फोटो खिंचाते हो ।पोस्ट करते हो । किसी के बातों को दिल पर नहीं लेते । कोई कुछ भी बोले तुम्हे फर्क नहीं पड़ता । तुम मस्त अपने धुन में चलते हो । कोई कुछ कहता है , कहता रहे..तुम अपने जीवन को जैसे ले जाना चाहते हो..ले जा रहे हो ।अगर ऐसा है तो समाज और लोग तुम्हे अच्छा नहीं कहेंगे । उन्हें कोई ऐसा चाहिए जो उनकी हर बात माने । उनके द्वारा निर्धारित सारे पैमाने के अनुसार ही चले । जो अपने सपने,अपने इच्छा को त्याग दे..समाज और लोगों को खुश करने के लिए ।।



सुनो । तुम बिल्कुल ऐसा मत करना । तुम मस्त रहना । जैसे हो । अपने जीवन में मस्त । अच्छे कपड़े पहनना । अच्छे अच्छे फोटो खिंचाना। पोस्ट करना । बुरा लगे तो लगने देना । तुम ठेका लेकर नहीं बैठे हो कि सबको अच्छा ही लगे तुम्हारा सबकुछ । तुम्हे जीवन में जो रास्ता चुनना हो चुनना । जीवन में जो सोचते हो ,करना ।हो जाएगा । सब का होता है ।इमोशनल नहीं बनना । इमोशन का कोई कद्र नहीं है दुनियां में जान लो और मान लो ।कोई कुछ कह दे , जिंदगी में कुछ गलत हो जाए, कोई साथ छोड़ जाए, सपने टूट जाए तो दिल पर मत लेने लग जाना । सब कुछ को साइड करना, और फिर से एक नई शुरुआत करना । तुम्हारी खुशी को कोई और निर्धारित करे, इतनी औकात किसी को मत दे देना ।। जिंदगी तुम्हारी है, जीना तुम्हे है, अपने हिसाब से जीना । किसी को बुरा मग रहा हज तक लगे । बस बुरा करना मत ।



अब सबसे महत्वपूर्ण ।जैसे जीना है जीना ।जो करना है करना । लेकिन अपने जीवन में कोई न कोई झंडे गाड़ लेना ।इतना achievement तो हो ही जाना चाहिए जिंदगी में , कि तुम high feel कर सको ।अपने आप को इतना establish कर लेना कि तुम जो चाहो, जैसे चाहो जी सको । दुनियां materialistic है। सच है यह । तो अपने लिए resource इकट्ठा कर लेना । पैसे कमा लेना । खूब कमाना ।इस में कमजोर पढ़ोगे तो समाज जीने नहीं देगा । इसमें मजबूत तो लाख भी बुराई हो ,छिप जाता है । कितने भी अच्छे इंसान बन जाओ तुम्हारे पास कुछ नहीं है तो कोई तुम्हारी बात नहीं सुनेगा। कोई नहीं । ध्यान रखना ।


तो बस । जैसे जी रहे हो जियो । मस्त एकदम । दुनिया जो बोले बोलने दो । बस कोई एक फील्ड पकड़ कर झंडे गाड़ देने है उसमें ।पैसे खूब कमाने है । जो अपने है उन्हें बचा कर सहज कर रखिए । जो अपने नहीं है, मत सोचिए । न अच्छा। न बुरा । काम करते रहिए अपना । जब औकात बन जाता है न..सब अच्छे हो जाते है आपके लिए । औकात बनाना जरूरी है ।


2025 आ रहा है । आमंत्रित कर रहा है आपको, कि आप अपने आप को एक बड़ी सफलता गिफ्ट कीजिए ।

नव वर्ष की


शुभकामनाएं ।।।

Friday, 11 October 2024

देश के असली रत्न, स्वर्गीय श्री रतन टाटा को नमन और अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि ! Er Ravi R Yadav



देश के असली रत्न, स्वर्गीय श्री रतन टाटा को नमन और अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि 💐 ।

पूरे देश को नही विश्व को गर्व है आप पर। हम देशवासी तो इतराते फिरेंगे आप पर । सीना गर्व और दिल कृतज्ञता से भर जाता है जब हम सोचते हैं कि आपने हमारे बीच रहकर , हमारे झारखंड को चुना उस मकसद को पूरा करने के लिए जिस खास मकसद के लिए उस परम पिता परमेश्वर ने आपको चुना होगा.. मानव सभ्यता की सेवा के लिए । भारत माता की सेवा के लिए । भारत के लोगों की, यहां के नागरिकों के जीवन मे वो परिवर्तन लाने के लिए.. जिसके लिए लोग किसी मसीहा का इंतजार करते हैं । नमन हे महापुरुष। नमन आपको । साथ ही ये प्रार्थना कि अगली बार भी यही जन्म लेना, इसी देश में । इसी माटी में । और हर बार सिखाना आप अपने आगे आने वाले पीढ़ियों को कि business को जब सेवा के साथ किया जाए तो व्यवसाय भी बढ़ता है और लोगों का प्यार और आशीर्वाद भी भर भर कर मिलता है । लोग जब एक बार आपको प्यार करना शुरू कर दे, आशीर्वाद मिलने लग जाए आपको, लोगों का अटूट भरोसा अगर  आपके साथ जुड़ जाएं तो लोग रतन टाटा बन सकते हैं। मां भारती इंतजार करेगी आपका , आपके अगले जन्म में !!


आज नोएल टाटा के टाटा कंपनी के नए चेयर मैन बनने का news पढ़ा । धक से लगा कुछ । लगा कि हम में से अधिकतर लोग एक फालतू का ego, एक आडंबर , एक घमंड लेकर घूमते है । हम जब अपने सर्वश्रेष्ठ स्थिति में होते हैं तो कईयों के साथ गलत भी कर देते हैं । हमे लगने लगता है कि हम ही तो हैं बस । हम न रहे तो दुनिया ही नही चलेगी । लेकिन हकीकत ये है कि किसी  के रहने न रहने से किसी को कोई फर्क नहीं पड़ने वाला। आप यहां से एक बार गए और दुनियां आपने replacement ढूंढने में लग जाएगी । और ढूंढ भी लेगी । बस शर्त ये है कि आप रतन टाटा न हो।

कोई किसी के बिना नहीं मरता । दुनिया किसी के बिना नहीं रुकती । प्रकृति ढूंढ ही लेती है किसी न किसी को ,जो उसे आगे बढ़ाएगा ।परमेश्वर भेज ही देते है किसी न किसी को जो उनके मकसद को पूरा करेगा । तो फालतू का घमंड, आडंबर,ego और दंभ को side में रखते हुए..भगवान ने हमें यहां क्यों भेजा है याद गखते हुए..जिंदगी जीना चाहिए ।Return ticket fix है सबका। जाना ही है एक दिन। बस जिंदगी ऐसी जी जाए कि जिस दिन हम जाए इस दुनियां से हमारे परिवार जनों से ज्यादा और लोगों को दुख हो। हम पूरे देश के लोगों के लिए रतन टाटा नही हो सकते... दो चार लोगों के जीवन में परिवर्तन लाकर उनके लिए तो रतन टाटा बन ही सकते हैं ।


नमन हे महापुरुष ♥️🙏💐💐


✍️✍️Er Ravi R Yadav 


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Sunday, 8 September 2024

ऐसे मायुस नही होते यार ! By Er Ravi R Yadav

 ऐसे नही मायूस होते यार ! क्या हो गया ? लग रहा कि अब सब खतम हो गया? लग रहा जैसे जो चाहिए था नहीं मिला और अब कोई उम्मीद भी नही बची? क्या हुआ समझ नही आ रहा कि शुरुआत कहां से करे?Self Doubts होने लगा कि अब कुछ हो भी पाएगा या नहीं? लगने लगा जैसे जिंदगी एकदम रुक गई है , नीरस, बोझिल और आशाहीन हो गई है?


मेरे भाई,मेरे दोस्त ऐसे मे मायूस नही होते ! रोते नही ! सुबकते नही ! काम करना छोड़ नही देते ! किसी का इंतजार नही करते ! किसी के लिए आंसू नहीं बहाते ! ये नही सोचते कि पड़ोसी ने क्या कह दिया। इस पर ध्यान नहीं देते कि कौन कौन साथ थे जो अब छोड़ गए । ये नही देखते कि अब आप पर कोई विश्वास नहीं करता । खाना  पीना नहीं छोड़ते !ऐसा कुछ नही करते मेरे दोस्त !


जब जिंदगी में कभी ऐसे हालात आए कि आप एकदम low फील कर रहे हो ! जब आपको कोई रास्ता ही नही दिख रहा हो ! कोई था अपना जो अब नही रहा ! कोई था सपना जो टूट गया ! कोई इच्छा थी दिल में जो शायद अब पूरा होते नही दिख रहा! 

तो दोस्त सृजित करते हैं खुद को फिर से ! खड़ा करते हैं खुद को ! अपने टूटे हिस्से को समेटते हैं, बिना किसी से कोई उम्मीद किए, बिना किसी की हमदर्दी लिए । बिना किसी को blame किए ! अपने आंसुओं को खुद ही पोछते  हैं.. अपना पीठ खुद ही थपथपाते हैं! अपना हौसला अफजाई खुद ही करते है ,मेरे भाई !!


खुद को खड़ा करने की दिशा में पहला कदम है अपने टूटे कॉन्फिडेंस को वापस लाना ! आसान नहीं है! लेकिन उतना मुश्किल भी नहीं । मुश्किल इसलिए नही क्योंकि process है ! तरीके से किया जाए तो हो जाता है। टूटे कॉन्फिडेंस को वापस लाने के लिए किसी एक चीज में बहुत अच्छा करना होगा । एक चीज से शुरुआत करनी होगी । जैसे आप हेल्थ ठीक कर लीजिए । बॉडी अच्छी दिखने लग जाए ।जब एक चीज अच्छी हो जाए तो दूसरी पर काम करना शुरू कीजिए । धीरे धीरे आप देखेंगे कि सब कुछ संभाल रहा है। और आप उस हालत में आ रहे है जहां आप चाहते थे ।


दूसरा तरीका ये है कि आप नियम बना लीजिए काम नही रुकना चाहिए । हालात जैसे भी हो । कोई छोड़ गया, काम चलता रहेगा। कुछ टूट गया ,काम चलता रहेगा।कुछ भी हो जाए ,काम नही रुकेगा । आप अगर सिद्ध से काम करते रहोगे तो बहुत जल्द आप किसी भी हालात से बाहर निकल जाएंगे । काम कॉन्फिडेंस  देता है ।परिणाम आपको आगे और अच्छा करने की प्रेरणा देता है ।।



मायूसी ,उदासी से बाहर निकलने का एक तरीका ये भी है कि नकारात्मक लोगो से दूर हटकर कुछ सकारात्मक लोगो के साथ ही रहा जाए ।नकारात्मक लोगों को बातो से आप नही हरा सकते,result से prove करना पड़ेगा ! और result आएगा आंख बंद करके काम करने से ।



तो परेशान नहीं होना है । चाहे जिंदगी के किसी भी पर आप हो । आप से बदतर हालात में कइयों ने बेहतर किया है। हम आप क्यों नहीं कर सकते । तो सिर नीचे गाड़ना है, मेहनत करना शुरू करना है और अपने काम मे सिद्दत से लगना है और लगे रहना है तब तक जब तक कि सफलता की चमक से कुछ लोगों की आंखें न चौंधिया जाए। और परिणाम न मिले तो सिर नीचे रहेगा, मेहनत जारी रहेगी । मेहनत इतना होगा कि उदास होने का समय न मिले ! और


result कैसे नही मिलेगा। मिलना पड़ेगा। जब सबको मिलता है तो हमको भी मिलेगा । उदास नही होना है दोस्त। लड़ना है । सिद्धत से !!

Friday, 12 May 2023

तुम भी सूर्य हो, तुम भी चमकोगे। Er Ravi R Yadav


 सूर्य कुमार यादव से सीखिए । जब संघर्ष चल रहा हो जीवन में , जब आप दिन रात लगे हो अपने सपने को पुरा करने में, जब कोई नही पहचानता हो आपको, जो चंद लोग पहचानते भी हो.. वो भी किनारा करने लग जाए, मजाक उड़ाने लग जाए तो... रुकना मत । लड़ना। अंतिम सांस तक। जब तक आलोचक प्रशंसक न बन जाएं तब तक।।



सूर्य कुमार यादव से यह भी सीखिए... कुछ भी permanent नहीं है यहां ! आपकी कदर दुनियां को तब तक ही है,जब तक आप परफॉर्म कर रहे है। एक बार आपका परफॉर्मेंस खराब आप भुला दिए जाएंगे । आप troll किए जाने लगेंगे । मजाक उड़ाया जाने लगेगा आपका । परफॉर्मेंस important है। आप किसी भी फील्ड में हो, अपने काम करने में कम पड़ गए तो तैयार रहिए..दुनिया की सुनने को । और नही तो ध्यान रखिए ..खुद का.. अपने काम का..अपने परफॉर्मेंस का। अपडेट करते रहिए खुद को..जरा सी चूक और आप भुला दिए जाएंगे ।




और सबसे महत्वपूर्ण ,अगर आपके आसपास कोई सूर्यकुमार यादव शिद्दत से मेहनत कर रहा है, तो उसका साथ दीजिए। उसे नीचा मत दिखाइए। ऐसे लोग जब जवाब देने पर आते हैं तो मुंह छिपाने के लिए जगह नसीब नहीं होती। ये लोग इतने गुस्से, जिल्लत पी चुके होते हैं न कि इनके अंदर आग धधकते रहता है। इस आग में वो ताकत रहती है कि जब अवसर मिलेगा न.. जला देंगे ये आपके तानों को, धो डालेंगे अपनी सारी असफलता की कहानियों को । आज इनके सामने तेज बनिए तो कल मुंह दिखाने लायक नहीं रहिएगा। क्योंकि हर सूर्य जो आज तप रहा है, कल चमकेगा । पक्का चमकेगा। शक मत कीजिए । बस मान लीजिए। और नही, तो इंतजार कीजिए..उसकी चमक आपको चकाचौंध कर देगी तो आपको मानना पड़ेगा।

प्रणाम🙏

Thursday, 17 March 2022

एक बेरोजगार की होली by Er Ravi R Yadav


 वो बेरोजगार है!UPSC,SSC, Railway की तैयारी करता है! पटना में, दिल्ली में,allahabad में, रांची में! जगह भले ही अलग हों,उसके हालात same हैं! वह बैठा है एक घूप अंधेरे कमरे में, जहाँ सही से  सूरज की रौशनी नहीं पहुँचती! रंग कहाँ से पहुुंचेगा?उसकी होली नही होती अब! ध्यान भी नही है उसे कि कब उसने उमंग में होली खेला था! मध्यमवर्गीय परिवारों में बच्चे उम्र से नहीं हालातों से mature हो जाते हैं या यूं कहे होना पड़ता है! 10 वीं 12 वीं से ही अच्छे जीवन के लिए बाहर पढ़ने निकल पड़ा! उस समय समय नहीं मिला! अब   उसका मन नहीं रहा! बेरोजगार जो है! 


लेकिन एक बात कहूँ, झूठ बोलता है वह, कि होली नही खेलता! हर रोज़ होती है उसकी होली! तरह तरह के लोग आते हैं उसे रंग लगाने! कुछ अपने, कुछ दूर के, कुछ तो वैसे जिसे वह जानता भी नहीं! जो भी आता है कोई न कोई रंग लगा जाता है! कोई तानों का रंग, कोई मजाक का! कोई इग्नोर करके अलग रंग दे जाता है! कोई underestimate करके कुछ अलग!! दिन भर अंधेरे कमरे में बैठ आँसू रूपी पानी से उन रंगों को छुड़ाने का असफल प्रयास करते रहता है वह! 

फिर कुर्सी खिचकर बैठ जाता है टेबल के सामने! पता है उसे! ये रंग ऐसे नही छूटेंगे! ये रंग आँसू से हटने वाले नहीं, पसीना लगेगा यहाँ, मेहनत लगेगी यहाँ! रंग लगाने वालों के मुँह पा सफलता फेंक कर मारनी होगी! उन्हें बताना होगा कि भाई साहब सामने वाला हारने के लिए पैदा नही हुआ है, मकसद बड़ा था तो समय लगा! 


उसके फोन पर Happy Holi के मेसेजस् आ रहे हैं! उसने इग्नोर कर दिया है ! जम गया है फिर से टेबल पर! पता है उसे, इस खूबसूरत त्योहार को अगर मनाना है तो उसे इन कमरों से निकालना पड़ेगा! तब होगी उसकी सच्ची वाली होली!! 



वैसे आपको हैप्पी होली! आप की होली प्यार वाली हो, सद्भावना वाली हो! किसी के जीवन में खुशीयों का रंग, सफलता का रंग आपके वजह से भर जाए! और भगवान करे, इसकी शुरुआत आप से ही हो ❤🙏

Tuesday, 25 January 2022

हम नही तो कौन?? Er Ravi R Yadav


 कुछ  भी permanent नहीं है life में । न पैसा,न रुतबा,न लोग,न रिश्ते । सबकुछ बदलता है यहां ।परिस्थिति के अनुसार,जरूरत के मुताबिक,समय के हिसाब से । जो चीजें कभी आपको जान से ज्यादा प्यारी थे, अपना मोल खो बैठती है । कभी वो लोग जो आपको बहुत अपने लगते थे ,दूर चले जाते हैं ।कभी वो सारी सुविधाएं ,जिसके हम आदि हो चुके थे ।सबकुछ तो खत्म होता है यहां ।या कहिए कि बदलता है,बदलना भी चाहिए । पकृति का नियम है ।।


और इसमें कुछ बुरा भी नही  । बस हाँ ,हमे लगता है बुरा । कारण कुछ और नही बस हमारा expectation है लोगों से,अपने चारों ओर के अपनो से,कुछ रिश्तों से।कुछ चीजों से। ये सारी चीज़े जो हम हमारी होने का वहम पाल लेते है,जब हकीकत बयाँ करती है तो बुरा लगता है।जिसकी जितनी काम expectations है दुसरो से उतना संतुष्ठ है । आज नही तो कल ये महसूस होना ही है कि आप ही है सिर्फ आपके । कोई और नही । हाँ समय समय पर कुछ लोग मिलते रहेंगे आपको, आपको कुछ दूर तक साथ देने के लिए। जब वो अपने रास्ते अलग कर ले, तो गुस्सा मत होइए उन पर। धन्यवाद कीजिए उनका, आपको इतनी दूर तक साथ देने के लिए।


हमें यह महसूस होना बहुत जरूरी है कि हमे कोई भी चीज़ जो जीवन मे मिली है ,हम उसके हक़दार है । हम उसे deserve करते है । अगर बिना उस लायक हुए सिर्फ हम एक्सपेक्ट करे कि वो मुझे मिल जाए या मेरे पास हमेशा राह जाए ,possible नही है ।और ऐसा न हो तो हम उदास हो जाए, रोने लगे जाए ,ये गलत है ।हर चीज़ की एक कीमत होती है । चाहे वो कुछ भी हो । पैसा हो,लोग हो,रिश्ते हो ।मैन कहा कुछ भी हो ।और बिना उस कीमत को अदा किए, आपको नही मिल सकती । अगर मिल भी जाए और अब आप उस काबिल नही तो चीज़े आपके पास नही रहने वाली। प्रकृति अब उन चीजों को वहाँ भेजेगी, जो उसके लायक होगा।यही नियम है।


और अगर हमें कुछ चीज़ें चाहिए या मिली हुई है और permanently चाहिए तो हमे हमेशा उसके लिए अपने आप को अपडेट करते रहना पड़ेगा। किसी से बिना कुछ एक्सपेक्ट किए। बिना उदास हुए। अगर हम खुद पर काम करते रह गए तो कुछ चीजों के खो जाने के बाद भी उससे बहुत अच्छी चीजें पाई जा सकती है ।तो बस मेहनत करते रहना है। परमानेंट नही है कुछ,वो टैब तक आपकर पास है जब तक आप deserve करते हैं ।।


लेकिन हां, अंत मे बस इतना कहना है कि अगर मेहनत उस सिद्दत और जुनून से किया जाए न तो खोई हुई चीजों को बजी वापस आने में देर नही लगती। बस मेहनत की बात है । और हम तो गाड़ देंगे ।आग लगा देंगे । जुनून की हद तक जाएंगे। देखेंगे कि हम क्या deserve नही करते । और हम नही तो कौन??


चलिए...मिलते है फिर...अगले पोस्ट में ।।


© Ravi Ranjan Yadav

Thursday, 20 January 2022

हो सकता है एक कमजोर विद्यार्थी भी जादू कर जाए!

 


जुनून का कोई तोड़ नही है ।आपके अंदर की ज्वाला

का  कोई काट नही । आपके मन के कोने में पल रहे उन सपनों को कोई रोक नही सकता , बस इस जीवन में कुछ कर गुजरने की तमन्ना हो ।। और अगर आपको किसी एक चीज़ को लेकर interest नही है तो इसका बिल्कुल मतलब नही है कि आप मे काबिलियत की कमी है, आप ज़िन्दगी में कुछ अच्छा नही कर सकते ।।बिल्कुल नही है ऐसा ।।


और इसीलिए मैं कहता हूं कि अगर आपका बच्चा पढ़ने में कमजोर है या उसका पढ़ाई में मन नहीं लगता तो इसका यह मतलब नहीं कि उसके अंदर कोई प्रतिभा नहीं है । हो सकता है कि उसकी रुचि किसी और चीज़ में हो । उसकी रुचि को पहचानिए । जब उसे वो काम मिल जाएगा न जिसमे उसे इंटरेस्ट है, तो उसे सफलता नही मिलेगी, उसके बाद जो होगी न लोग उसे miracle कहेंगे ।।


इसका सबसे बड़ा उदाहरण ओयो रूम्स के मालिक रितेश अग्रवाल हैं ।। रितेश अग्रवाल पढ़ने में बेहद कमजोर थे उनका पढ़ाई लिखाई नहीं बिल्कुल मन नहीं लगता था उन्होंने कॉलेज फर्स्ट ईयर से कॉलेज ड्रॉपआउट हो गए उसके बाद इन्होंने सिम कार्ड बेचने का बिजनेस किया ।


 रितेश अग्रवाल उड़ीसा के एक छोटे से कस्बे के बेहद मध्यम वर्गीय परिवार से थे उन्हें घूमने फिरने का बहुत शौक था इसलिए उन्हें होटल लेने में आने वाली दिक्कतों से कई बार तकलीफ हुई तब उनके मन में ओयो रूम्स खोलने का विचार आया और मात्र उन्होंने 19 साल की उम्र में ओयो रूम्स खोला और 21 साल की उम्र में उन्होंने अपनी कंपनी ओयो रूम्स की मार्केट वैल्यू 36 हजार करोड़ कर दी ..आज उनकी टीम में आईआईटी और आईआईएम से पास आउट 50 से ज्यादा लोग काम करते हैं जबकि खुद रितेश अगरवाल कभी कॉलेज पास नहीं कर सके 


इसलिए अपने बच्चों को पढ़ाई लिखाई के लिए ज्यादा जोर मत दीजिए उन्हें अपने मन मुताबिक काम करने दीजिए.हाँ ये उन्हें बिल्कुल समझाइए की basic knowledge तो जरूरी है । और इसीलिए उन्हें प्रोतसाहित कीजिए एक स्टैण्डर्ड education प्राप्त करने के लिए । लेकिन प्रेशर न बनाइए । हो सकता है एक कमजोर विद्यार्थी भी जादू कर जाए! संभव है, बिल्कुल संभव है! 



Friday, 19 February 2021

दुनियां का अच्छा से अच्छा talent, हुनर बर्बाद है अगर...।।Ravi Ranjan Yadav

सबका जीवन आसान नहीं होता । कुछ लोगों को चीजें जन्मजात मिल जाती है ,कुछ लोगों को जी जान लगाना पड़ता है उन सभी चीजों के लिए, उन लक्ष्यों के लिए जो उन्होंने देखा है । खुद के लिए, खुद को चाहने वालों के लिए । अपनों के लिए ।और सच मे ये यात्रा बड़ी लंबी होती है । बड़ी कठोर होती है । ज़िन्दगी के रास्ते ऐसे ऐसे पगडंडियों से होकर गुजरते हैं न जिसकी हमने कभी कल्पना तक नहीं की होती । कई बार जीवन में ऐसे घूप अंधेरे आते हैं ना लगता है जैसे अब तो को गए हम ।ये कहां आ गए हम ?
क्या हम इस जन्म में वहां नहीं पहुंच पाएंगे जिसकी कल्पना हमने की थी ।
और दुनियां का अच्छा से अच्छा talent, अच्छा से अच्छा हुनर बर्बाद है जब आपके सामने ये कहने वाला नहीं है ना कि..चल इस बार नहीं हुआ, अगले बार होगा । 
..चल ये दिन बुरा था ..आगे अच्छा होगा । और तुम्हारे अच्छे बुरे हर समय में हम साथ है तेरे ।

अगर ज़िन्दगी के इसी पड़ाव में है आप तो ढूंढिए ऐसे लोगों को । और हां संभाल कर रखिएगा ऐसे लोगों को अमानत है ये । मम्मी,पापा,भाई,दोस्त,शिक्षक कोई भी हो सकते है ।
और अगर बन सके तो किसी के लिए ऐसे इन्सान बन जाएगा और संभाल लीजिएगा किसी की ज़िन्दगी ।जीते जी भगवान हो जाएंगे आप ।

Thursday, 19 November 2020

जीतूंगा मै अब by Ravi Ranjan Yadav


 जिन्दगी उलझनों से भरी थी। दोस्तों और अपनों ने भी किनारा कर लिया था। भाग्य रेखाओं में अनावश्यक विकृति आ गयी थी। मैं दूसरों की सफलता की कहानियां कुढ़न के साथ सुनता था। मुझे लगता था मैं अब फीता छूने तक नहीं दौड़ सकता। कदम थक गए थे।

एक प्रातःकाल 'सूर्यनमस्कार' करते समय सूरज ने टोका कि आज तुम लेट हो। करोड़ों वर्षों से समय को अपने इर्द-गिर्द घुमाने वाले उस सूरज के तेज को देखकर विश्वास दृढ़ हो गया कि जीवन एक ही बार मिला है और यह बहुमूल्य है। निस्तेज जीवन का कोई मूल्य नहीं। नियंत्रण की डोरियां थामकर मैंने जीवन जीना शुरू किया। 

सबसे पहले कई लोगों के प्रति पाली गयी नफरतों को दिल से साफ किया। फिर खुद पर यकीन किया कि मैं वे सारे काम कर सकता हूँ जो मैं सोचता हूँ। फिर मैंने वक्त को सम्मान देना शुरू किया। जब भी वह (वक्त) मुझे मिलता, मैं व्यस्तता में उसके साथ घुलमिल कर दूध-पानी की तरह एक हो जाते थे। वक्त मेरे इस अपनेपन से इतना प्रसन्न हुआ कि मुझसे और अधिक मिलने लगा।

मुझे हर शाम सोते समय यह संतुष्टि होने लगी कि मैं कुछ पा रहा हूँ। नहाते समय होठों पर अब गीत सजने लगे। मुश्किलें अब भी आती थी लेकिन अब उनका नामकरण मैं करता था। जो 'ठरकी' हुआ करती थी उनको 'टल्ली' सुनना पसन्द नहीं आया। लाचार मुश्किलें गुमनामियों के अंधेरों में गुम हो गयी।

मैंने साहस बटोर कर बड़ा सोचना शुरू किया। बड़े लोगों से मिलने लगा। उनसे सीखने लगा। खुद से सीखने लगा। अवसरों में अवसर तलाशने लगा। मैंने जीवन शैली बदल कर जीने की अपनी एक शैली बनायी। झुनझुने की ललचाने वाली आवाज अब सुनाई नहीं देती थी उसका सतरंगी रंग दिखाई नहीं देता था।

आंखों और कानों में अभी भी सब कुछ अच्छा नहीं पड़ता था पर अब मस्तिष्क ने उन सबकी विवेचना का तरीका बदल दिया। मैंने भी सोचा सीखता कब तक रहूँगा अब खुद उदाहरण बन कर दुनियां को कुछ सिखाऊंगा। कष्ट को आनन्द में बदलने वाले इस सफर में चंद किताबें, चंद आदतें, चंद अपने, कुछ टोकने वाले खास मित्र और बदले हुए 'मैं' सटीक योजना के साथ सटीक समर्पण भाव से निरन्तरता के साथ काम करूंगा !! देखता हूं मै कैसे नहीं जीतता हूं । जीतूंगा मै अब । किसी में हो कुब्बत तो रोक ले ।।

Saturday, 15 August 2020

धोनी आप retire नहीं हो सकते ।। Ravi R Yadav

 "रांची के लाल तूने कर दिया कमाल" यही heading था उस newspaper का जो पापा ने रांची से आने के बाद मुझे दिया था ।छोटे थे ज्यादा ,समझ नहीं था ..लेकिन जिस तरह से उनके बारे में पेपर भरा पड़ा था..यकीन हो गया था कि एक साधारण सा जमीन  पर रहने वाला इंसान भी   सितारा बन सकता है ।

और धोनी तो ऐसे सितारे बने..जिसकी चमक दूर तलक..कई सदियों तक दिखाई देगी..अगर कोई न भी देखना चाहे तो भी..।।

धोनी फिर धोनी न रहे । एक इमोशन बन गए । धोनी अब जादूगर बन गए । जिसे छू दिया वो हमारा हो गया । T-20 वर्ल्ड कप, One day वर्ल्ड कप ,IPL सबकुछ ।वो भी ऐसे परिस्थिति में जब हमने मान लिया था कि कप अब हमारा नहीं ।विकेट कीपिंग को अलग डेफिनिशन दिया है धोनी ने ।असंभव जब भी संभव हुआ,पीछे एक इंसान मुस्कुराता मिला नाम है धोनी ।

छोटे शहर से निकलकर जैसे धोनी पूरे दुनियां में छा गए ,करोड़ों के दिलो के संशय को उम्मीद में बदल डाला ।सिर्फ क्रिकेट में भविष्य देखने वाले का नहीं, किसी भी फील्ड में इतिहास रचने का माद्दा रखने वालों का ।जिनके पास कुछ भी नहीं,बस एक उम्मीद एक आश है कि करेंगे कुछ ऐसा ही ।अभी यूपीएससी में टॉप की अभ्यर्थी ने भी यही कहा ।धोनी ही है उनके आदर्श ।उन्हीं का मूलमंत्र follow करते है वो भी ।


धोनी ।।सिर्फ वो ही नहीं ,करोड़ों लोग है जो आपको दिल से चाहते है ।करोड़ों लोग है जिनके लिए आप प्रेरणा श्रोत है ।करोड़ों लोग है जो आपमें खुद को देखते है ।कई है जो कठिन परिस्थिति आने पर ये सोचते है की धोनी कैसे संभालते इस परिस्थिति को ,कई ऐसे है जो आपके है पद चिन्हों पर चलते है भले ही उनका field अलग हो।उन्हीं में से एक हूं में भी ।
धोनी।।आप रिटायरमेंट ले ले पर आप रिटायर नहीं हो सकते । आप भावना है लोगो के ।ऊर्जा है लोगो के लिए । जब भी कोई अदना सा लड़का कुछ ऐसा कर जाएगा जिसे लोग नामुमकिन समझते थे,धोनी जीतेगा । जब भी कोई मुश्किल हालात को..आपके मूलमंत्र से पार पाएगा धोनी जीतेगा..जब भी कोई अपने लक्ष्य के लिए सबकुछ छोड़ छड़ कर कुर्बान हो जाए..धोनी जीतेगा। 
धोनी आप रिटायर नहीं हो सकते ।
आप हमेशा खेलेंगे ।
सिर्फ क्रिकेट नहीं,अलग अलग क्षेत्रों में ।
एक नहीं, हजारों धोनी बनकर ।।

Saturday, 20 June 2020

बस मरना नही है ।। Ravi Ranjan Yadav

हाँ समझ सकता हूँ तुम्हारी मनोस्थिति ।क्या गुजरती होगी तुमपर वो अनजान नही है ।मुझसे,बहुतो से,हर उस युवा से जो किसी न किसी competitive exam की तैयारी कर रहा है या जिसने कभी किया है ।

हर रोज सुबह सुबह जब तुम्हारे सामने "The Hindu" आता होगा तुम अपने कुर्सी को टेबल के तरफ सरकाकर ठानते होंगे कि साला आज तो समझ ही लेंगे इस बला को,फिर समझ नही आता होगा,लेकिन अपने current हालात को बदलने के लिए current affairs जरूरी है ये सोचकर तुम गाड़ लेते होंगे अपना सिर उस अखबार के उन पन्नों के बीच ,भले समझ आए या न आए । समझ सकता हूँ मैं ।

दिनभर कभी History, कभी polity, कभी Aptitute, तो कभी reasoning में दिन कैसे निकल जाता होगा तुम्हे पता भी नही चलता होगा ।एशिया और यूरोप को को सा पर्वत अलग करती है ये तो समझ आ गया होगा लेकिन साला ये समझ नही आया होगा कि इन पड़ोसियों को ,रिश्तेदारों को क्या जवाब दें जो चले आते है मुह उठाए ये बताने को की को को सफल हो गया । वो ये बताने के लिए नही आते,तुम्हे जताने के लिए आते है कि तुम न looser हो,कोई औकात नही तुम्हारी ।
अब तुम्हे international relation समझ मे आने लगा होगा लेकिन तुम अपने रिश्तेदारों से जो relation है वो समझ नही आ रहा होगा । नहीं जाते होंगे न तुम अब शादियों में,रिश्तेदारों के घर ।ऐसा नही है कि तुम्हे पसंद नही था तुम्हे जाना,कभी उन महफ़िलो की जान हुआ करते थे तुम ।उस समय लोगो को लगता था कि फुम अच्छा करोगे जीवन मे,अब वो तुम्हे हारा हुआ मान चुके होंगे ।इससे कुछ न हो पाएगा अब उनके दिमाग मे छप चुका होगा अब ।मैं जानता हूँ खुद्दार हो तुम,अपने आत्म सम्मान की अर्थियां निकलते देख कैसे सकते हो ।इसलिए छोड़ दिया होगा न अब शादियों में जाना,लोगों से मिलना।अब तो तुम्हे दर लगने लगा होगा दोस्तों के बीच जाने से भी,जिनकी औकात नही थी तुमसे बात करने की वो भी अपनी सफलता की डींग हांकते होंगे ।समझ सकता हूँ मैं ।

लेकिन मेरे भाई, तुमने कहा शुरू में तुम विनर थे ।एक winner ऐसे घुटने टेक दे,जीवन के जंग में तो काहे का विनर बे ।winner वो नही जो हर जंग जीतता जाए,विनर वो है जो जिन्दगी के हर दाव के आगे आए,भीड़े, और अगर चकनाचूर होकर फिर गिर जाए तो फिर भी लहूलुहान होकर भी बोले,"मैं खेलेगा

Target तो करते ही हैं सब लोग,करेंगे भी असली winner वो है जो लोगों को नजरअंदाज करके अपने काम मे लगा रहे ।सफलता मिल जाए जीवन मे तो तालियां तो बजेंगी ही उसके लिए,न भी मिले तो इतनी सिद्दत से निभाए वो अपना किरदार की पर्दा गिरने के बाद लोगों के आंखों में आंसू हो और उन्हें बोलना पड़े की ,भले जो भी मिला इस बंदे को,सच्चाई और इम्मानदारी पर चलकर अपने काम को पागलों की तरह करता रह गया ।

मेरे भाई तुमने preparation करते समय नेपोलियन,बिस्मार्क और न जाने कितनों के बारे में पढ़ा होगा जिन्होंने साधारण जीवन को असाधारण में बदल दिया ।कितने ऐसे IAS से मिले होंगे न जिन्होंने सब त्याग दिया था, कितने लोगों के बारे में जानी होगी न जिन्होंने कुर्बान कर दी अपनी जीवन ..एक मकसद के लिए ।तो क्या उन्होंने आत्महत्या किया ?
नही मेरे दोस्त ।
क्या वो अब failure हैं?
नही अब वो किसी दूसरे field में फोड़ रहे हैं ।तुम भी फोड़ते ...अगर जिंदा रहते तो...जिंदा रहना था तुम्हे ।।

©️Ravi Ranjan Yadav

Sunday, 14 June 2020

मुस्कुराते चेहरे के पीछे दर्द भी तो हो सकता है न । Ravi Ranjan Yadav

"हम सब गलत कर रहे है भाई।success के बाद क्या करना है इसका प्लान सबके पास है, failure के बाद का क्या? कोई इस पर बात नही करना चाहता । "छिछोरे movie में सुशांत ने कहा था ।

और सच भी यही है। failures को कोई पसंद नही करता वो खुद भी नही ।लोग सोचना तक नही चाहते इस पर । लेकिन सच तो सच है,जरूरी नही कि हर लोगों को मिल ही जाए जिसके लिए उन्होंने सोच रखा है। unpredictable है life.

दूसरी बात हर मुस्कुराता चेहरा मुस्कुरा नही रह होता है । हो सकता है वो एक बढ़िया एक्टर हो ।दर्द को अपनी मुस्कुराहट के पीछे छुपा रखा हो उसने ।कई लोग होते है जो मुस्कुराते रहते है,जब तक जीते है,बताते नही किसी को,जताते नही किसी से लेकिन अंदर ही अंदर टूट रहे होते है। अंदर ही अंदर खोखले हुए जा रहे होते है ।support चाहिए होता है उन्हें । चाहे कितने ही बड़े हों, कितने ही successful. और जब दर्द अपने level से बढ़ जाता है अंदर, चीज़े जब सीमा पार कर जाती हैं तो धीरे से वो सुशांत सिंह राजपूत बन जाता है ।
AIR 07 IIT में, success है।
इतना शानदार एक्टिंग,सक्सेस है ।

लोगों का इतना प्यार बहुत बड़ी सक्सेस है ।
लेकिन कुछ तो होगा जो मिसिंग होगा, शायद किसी कंधे पर सर रखकर सुशांत किसी को अपना दर्द सुना नही पाए।बता नही पाए या बताया नही उन्होंने ।

वजह चाहे जो भी हो ।एक बात जो हमे सीखनी चाहिए कि हर मुस्कुराता चेहरा खुस नही है । कई मुस्कुराते चेहरे हैं जिनके पीछे दर्द छीपा है ।जिंदगी ideal नही है सबकी ।Instagram, facebook जैसे सोशल मीडिया ने हमे दूर कर दिया है reality से ।अपनी दुनिया है सबकी,जिसमे वो भी लड़ रहे है बहुत सारी चीज़ों से । कई चीजें हमे perfect लगती हैं होती नही है ।

अब बस इतना करें हम की जो लोग अपने है,जो आस पास है । उनके भावनाओं को समझे ।दर्द को बाँटे । शामिल हों उनके दर्द में ।चाहे वो successful हो या नही । क्या पता आपके बस एक support से,क्या पता आपके बस एक थपकी से,क्या पता आपके बस उस उम्मीद भारी नज़रो से उसमें कुछ बदलाव आ जाए और बदल डाले वो अपनी दुनिया को ।कीजिएगा जरूर,हमही और आप मिलकर लोग बनते है । चलिए अब साथ देते है हर उस मुस्कुराते चेहरे का जो दर्द छिपाए बैठा है ।

RIP सुशांत💐💐
आप real हीरो है इस देश के ।
याद आएंगे आप,बहुत ज्यादा ।